अगर आप 40 की उम्र में 60 के दिखने लगे हैं? तो ये हो सकता है कारण, समाधान भी जान लीजिए

 अगर आप 40 की उम्र में 60 के दिखने लगे हैं? तो ये हो सकता है कारण, समाधान भी जान लीजिए क्या आपकी उम्र 35 वर्ष है और आप अभी से ही 50 वर्ष के दिखने लगे हैं? क्या आपके चेहरे पर एजिंग के लक्षण नजर आ रहे हैं? अगर हां तो उसकी कई वजहें हो सकती हैं. एक वजह के बारे में हम यहां बात कर रहे हैं. जानें.


 नई दिल्ली : पूर्व में हुए कई शोधों में पता चला है कि मोबाइल (Mobile), लैपटॉप (Laptop) जैसे गैजेट्स का आंखों की रोशनी (Eye Sight) और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर असर पड़ता है. हालांकि, एक नए शोध में पाया गया है कि गैजेट्स का असर हमारी उम्र बढ़ने (Aging Process) की प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है. जर्नल ‘फ्रंटियर्स इन एजिंग’ में प्रकाशित एक एनिमल मॉडल स्टडी में संकेत मिला है कि स्मार्टफोन (Smartphone) और लैपटॉप (Laptop) जैसे गैजेट्स से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light) के संपर्क में ज्यादा देर रहने से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो सकती है.Also Read - भारत में 5जी स्मार्टफोन की ऑनलाइन खोज 2 गुना बढ़ी  इस शोध की सह-लेखक और अमेरिका में ऑरिगॉन स्टेट यूविवर्सिटी की जडविगा गिबुल्टोविक्ज ने कहा, ‘टीवी, लैपटॉप और फोन जैसे रोजमर्रा के उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट के अत्यधिक संपर्क में आने से हमारे शरीर में त्वचा और वसा कोशिकाओं से लेकर संवेदी न्यूरॉन्स तक कोशिकाओं की एक विस्तृत श्रंखला पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है.’ उन्होंने बताया कि कैसे ब्लू लाइट के संपर्क में आने से फ्रूट फ्लाइज में बदलाव देखने को मिले. Also Read - इन देशों में घट रही है 5जी स्मार्टफोन की मांग, ये है बड़ी वजह  शोध में शोधकर्ताओं ने दिखाया कि जब फ्रूट फ्लाइज को नीली रोशनी के संपर्क में लाया गया तो उनका स्ट्रेस प्रोटेक्टिव जीन एक्टिवेट हो गया. इसके अलावा उन्होंने पाया कि जि मक्खियों को अंधेरे में ही रखा गया वह ज्यादा लंबे समय तक जीवित रहीं. Also Read - Parenting Tips: क्या आपका बच्चा भी इस्तेमाल कर रहा है ये Apps, मेंटल हेल्थ हो रही है प्रभावित  शोधकर्ताओं ने हाई एनर्जी वाली ब्लू लाइट के संपर्क में आने फ्रूट फ्लाइज में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में आने वाली तेजी को समझने के लिए दो हफ्ते तक ब्लू लाइट के संपर्क में आने वाली फ्रूट फ्लाइज और पूरी तरह से अंधेरे में रहने वाली फ्रूट फ्लाइज के मेटाबोलाइट्स स्तर की तुलना की.  ब्लू लाइट के संपर्क में आने से फ्रूट फ्लाइज के सिर की कोशिकाओं में मापे गए मेटाबोलाइट्स के स्तर में काफी अंतर देखने को मिला. उन्होंने पाया कि मेटाबोलाइट सक्सेनेट के स्तर में वृद्धि हुई थी, लेकिन ग्लूटामेट का स्तर कम हुआ था.  शोधकर्ताओं को जिन परिवर्तनों की जानकारी मिली, उनसे पता चलता है कि कोशिकाएं सबऑप्टिमल स्तर पर काम कर रही थीं, और इससे उनकिी अकाल मृत्यु हो सकती है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी पिछले निष्कर्ष की व्याख्या भी की, जिसके अनुसार ब्लू लाइट उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर देती है.  इस शोध के प्रमुख लेखक ने सचेत किया है कि ब्लू लाइट के संपर्क में ज्यादा रहने से बॉडी सेल्स पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. इसलिए उनका सुझाव है कि हमें ब्लू लाइट के संपर्क में आने से जितना संभव हो बचना चाहिए. इससे हम अपने एंटी-एजिंग स्ट्रैटजी भी बना सकते हैं. यानी अगर आप जवान दिखना चाहते हैं तो स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे गैजेट्स से दूर रहें.  आज के दौर में मोबाइल फोन से लेकर, टीवी, डेस्टकॉप और यहां तक की घर की लाइट भी LED हैं. इस तरह से व्यक्ति अधिकतर समय ब्लू लाइट के संपर्क में रहता है. शोध भले ही फ्रूट फ्लाइज पर किया गया हो, लेकिन बता दें कि मानवों और फ्रूट फ्लाइज का सेल्स के बीच सिग्नलिंग कैमिकल एक जैसा होता है. इसलिए ब्लू लाइट का मानवों पर नाकारात्मक असर पड़ सकता है.  ब्लू लाइट क्या है – What is blue light? ब्लू लाइट को दृश्यमान उच्च ऊर्जा (High Energy Visible) के रूप में भी जाना जाता है. यह एक प्रकार की लाइट है, जिसे मानव आंखों से लाइट स्पेक्ट्रम पर देखा जा सकता है. यही वजह है कि हमारी आंखों को आसमान नीला दिखता है. आसमान नीला इसलिए दिखता है, क्योंकि ब्लू लाइट वेव हमारे वातावरण में बिखरी हुई हैं. यही कारण है कि स्मार्टफोन की बजाय हम ब्लू लाइट के संपर्क सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी में आते हैं.  क्या ब्लू लाइट लंबे समय में हानिकारक होती है – Is blue light harmful in the long term? इस विषय को संबंध में वैज्ञानिक और शोधकर्ता अब भी धीरे-धीरे समझने का प्रयास कर रहे हैं. ब्लू लाइट का हमारी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया पर प्रभाव का अध्ययन उसी का एक चरण है.  तो क्या स्मार्टफोन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं – Does this mean that smartphones will become a risk factor for health? इसका उत्तर नहीं में है. स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले कई अन्य प्रमुख कारक हैं. जिसमें संतुलित आहार, एक्सरसाइज, जीवनशैली से जुड़ी आदतें और कई अन्य स्थितियां हैं, जो उम्र बढ़ने और जीवन प्रत्याशा पर ज्यादा प्रभाव डालते हैं.

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