रेलवे ग्रुप डी 1 लाख वैकेंसी की मांग उठाई आवाज

रेलवे ग्रुप डी: 1 लाख वेकेंसी की मांग

रेलवे ग्रुप डी में 1 लाख वेकेंसी क्यों जरूरी हैं?

हर साल करोड़ों छात्र सरकारी नौकरियों की तैयारी करते हैं, खासकर रेलवे जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में। हाल ही में रेलवे ग्रुप डी में सिर्फ 32,438 पदों की घोषणा हुई है, जबकि छात्रों की संख्या और मांग को देखते हुए यह संख्या बेहद कम है। यह स्थिति सरकार के उस वादे से भी मेल नहीं खाती, जिसमें हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने की बात कही गई थी।

वादे और वास्तविकता का अंतर

2014 और 2019 के चुनावों में, सरकार ने हर साल 2 करोड़ रोजगार के अवसर देने का वादा किया था। यह वादा युवाओं के लिए एक उम्मीद की किरण था। लेकिन वास्तविकता में सरकारी नौकरियों की संख्या लगातार घट रही है।

रेलवे ग्रुप डी जैसी परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं, जिनकी मेहनत और उम्मीदें इन परीक्षाओं से जुड़ी होती हैं। ऐसे में केवल 32,438 पदों की घोषणा करना, न केवल छात्रों की अपेक्षाओं के साथ अन्याय है, बल्कि रोजगार के संकट को और बढ़ाने वाला है।

1 लाख पद क्यों जरूरी हैं?

  • अभ्यर्थियों की संख्या: रेलवे ग्रुप डी के लिए हर साल करोड़ों छात्र आवेदन करते हैं। 2022 में ही लगभग 1.1 करोड़ उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इतनी बड़ी संख्या के लिए महज 32 हजार वेकेंसी पर्याप्त नहीं हैं।
  • बेरोजगारी का संकट: CMIE की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर लगातार चिंता का विषय है। युवाओं को रोजगार देना न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रगति के लिए आवश्यक है, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती देता है।
  • रेलवे का बढ़ता दायरा: भारतीय रेलवे हर साल नई सेवाएं और परियोजनाएं शुरू करता है। ऐसे में कर्मचारियों की जरूरत और बढ़ जाती है।

छात्रों की मांग: 1 लाख पदों की घोषणा हो

ट्विटर पर #RailwayLevel1_1Lakh_PostDo और #RailwayLeve1_1Lakh_VacancyDo जैसे ट्रेंड्स यह दिखाते हैं कि छात्र इस मुद्दे को लेकर कितने गंभीर हैं। यह सिर्फ सोशल मीडिया पर नाराजगी नहीं है, बल्कि युवाओं का वास्तविक दर्द और संघर्ष है।

सरकार को यह समझने की जरूरत है कि छात्रों की मेहनत और उम्मीदों को अनदेखा करना एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक जोखिम है।

क्या किया जा सकता है?

  • वेकेंसी बढ़ाएं: छात्रों की संख्या और रेलवे की जरूरत को देखते हुए, सरकार को तुरंत 1 लाख पदों की घोषणा करनी चाहिए।
  • भर्ती प्रक्रिया तेज करें: कई बार भर्ती प्रक्रिया में देरी से छात्रों का समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद होते हैं। समय पर परीक्षाएं और रिजल्ट घोषित करना बेहद जरूरी है।
  • पारदर्शिता सुनिश्चित करें: भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता से युवाओं का भरोसा बढ़ाया जा सकता है।

निष्कर्ष

32,438 पदों की घोषणा लाखों छात्रों के सपनों के साथ अन्याय है। सरकार को अपने वादे याद रखने चाहिए और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। 1 लाख पदों की घोषणा सिर्फ छात्रों के लिए नहीं, बल्कि देश के विकास के लिए भी जरूरी है।

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