Ayodhya Deepotsav 2025: 26 Lakh Diyas से जगमगाया शहर, बना Guinness World Record

Ayodhya Deepotsav 2025: 26 Lakh Diyas Illuminate the City, Setting a Guinness World Record

Ayodhya Deepotsav 2025: 26 Lakh Diyas Illuminate the City, Setting a Guinness World Record

Published on: October 20, 2025

Category: Festivals | India | Culture | Events

अयोध्या, भगवान श्रीराम के जन्मस्थल, ने फिर से दुनिया को अपने भव्य उत्सव से मंत्रमुग्ध कर दिया, जब शहर ने दीपोत्सव 2025 मनाया। इस वर्ष, इस उत्सव ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया, जिसमें 26.17 लाख दीवों को शहर के 56 घाटों और प्रमुख स्थानों पर एक साथ प्रज्वलित किया गया।

दीपोत्सव का महत्व और ऐतिहासिक संदर्भ

दीपोत्सव भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित त्योहारों में से एक है, जो आस्था, भक्ति और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। 2025 संस्करण न केवल धार्मिक उत्सव था बल्कि यह एक तकनीकी चमत्कार भी साबित हुआ, जिसने परंपरा और आधुनिक नवाचार का संगम दिखाया।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की प्राप्ति

दीपोत्सव 2025 ने दो प्रमुख गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किए:

  • एक साथ सबसे अधिक दीवों की प्रज्वलन: 26,17,215 दीवों ने एक साथ रोशनी फैलाई।
  • एक साथ सर्वाधिक लोगों द्वारा आरती: 2,128 पुजारी एक साथ सरयू नदी के किनारे आरती में शामिल हुए।

ये रिकॉर्ड्स गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारी द्वारा प्रमाणित किए गए। इस कार्यक्रम में 33,000 स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिन्होंने दीवों की व्यवस्था और प्रज्वलन में सहायता की।

प्रौद्योगिकी और नवाचार

इस वर्ष के दीपोत्सव ने परंपरा और तकनीक का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया:

  • ड्रोन तकनीक: 1,100 से अधिक ड्रोन ने रामायण के प्रमुख दृश्यों को आकाश में प्रस्तुत किया, जैसे राम सेतु, हनुमान संजीवनी पर्वत के साथ, और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर।
  • लेज़र और लाइट शो: 3D होलोग्राफिक प्रोजेक्शंस और लेज़र शो ने रामायण की कहानियों को जीवंत किया।
  • ऑटोमेटेड लाइटिंग: कुछ क्षेत्रों में सेंसर आधारित लाइटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया।
  • GPS और योजना सॉफ्टवेयर: दीवों को सटीक ढंग से लगाने के लिए उन्नत सॉफ्टवेयर और GPS तकनीक का उपयोग हुआ।

सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विशेषताएं

  • रामकथा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: रामलीला और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ लेज़र और लाइट शो ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
  • सामुदायिक भागीदारी: हजारों स्थानीय निवासी, छात्र और स्वयंसेवक दीप प्रज्वलन में शामिल हुए, जो एकता और भक्ति का प्रतीक है।
  • आस्था का प्रतीक: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे पांच शताब्दियों के अंधकार पर विश्वास की विजय के रूप में पेश किया।

दीपोत्सव 2025 क्यों अद्वितीय था?

इस वर्ष का दीपोत्सव परंपरा और नवाचार का अद्वितीय मिश्रण था। भव्य दीप प्रज्वलन, आधुनिक तकनीकी सहायता और सामूहिक भागीदारी ने इसे दुनिया भर के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए मापदंड बना दिया।

वैश्विक प्रभाव और मान्यता

इस आयोजन ने अयोध्या को वैश्विक स्तर पर एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित किया। गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाणन ने इसे और अधिक मान्यता दी, जिससे देश और दुनिया से पर्यटक, मीडिया और भक्त आकर्षित हुए।

निष्कर्ष

अयोध्या दीपोत्सव 2025 ने परंपरा, भक्ति और तकनीक का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया। इसने न केवल भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन किया बल्कि सामूहिक प्रयास और आध्यात्मिक शक्ति को भी उजागर किया। यह आयोजन अयोध्या को एक वैश्विक प्रतीक के रूप में स्थापित करता है और आने वाले वर्षों के लिए प्रेरणा देता है।

संदर्भ

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